भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के समसगढ़, केरवा, नीलबड़, मेंडोरा, मेंडोरी की गाइडलाइन सबसे कम रेट की है। यहां पर सबसे ज्यादा जमीन बड़े-बड़े राजनेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों, और बड़े-बड़े कारोबारियों की है।यहां कई एकड़ में बंगले और फार्म हाउस बना कर रखा गए हैं। कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार बहुत कम रेट पर यहां की रजिस्ट्री होती है। समसगढ़ क्षेत्र की कलेक्टर गाइडलाइन मे आवासीय भूखंड के रेट 130 रूपये प्रति वर्ग फीट है। वही नीलबड़ मे 300 रूपये प्रति वर्ग फुट है। रातीबड़ की 400 रूपये प्रति वर्ग फुट है। केरवा की 360 रूपये प्रति वर्ग फुट तथा मेंडोरी मे 500 रूपये प्रति वर्ग फुट है। यहां की जमीन बहुत महंगी है। आम आदमी को आसानी से यहां पर जमीन उपलब्ध नहीं होती है। इस क्षेत्र में करोड़ों रुपए के बंगले और फार्म हाउस बने हुए हैं।
 कलेक्टर गाइडलाइन सबसे कम होने के कारण राजनेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों और बड़े-बड़े कारोबारियों के लिए इस क्षेत्र में अपनी अघोषित आय से जमीन खरीदना काफी आसान है। कलेक्टर गाइडलाइन कम होने के कारण आयकर विभाग भी इस तरह की निवेश पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर पाता है। भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियां भी यहां बेमानी साबित हो जाती हैं। आम जनता अब कहने लगी है। गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए अलग कानून हैं। बड़े लोगों के लिए अलग कानून हैं।कलेक्टर गाइडलाइन से यह स्पष्ट है। अन्य क्षेत्रों में हर साल कलेक्टर गाइडलाइन के रेट 10 से 20 फ़ीसदी बढ़ा दिए जाते हैं। लेकिन कलेक्टर साहब और राजस्व विभाग की निगाह कभी भी इस पाँस इलाके पर नहीं पड़ती है। जहां पर अरबो रुपए के बंगले और अरबो रुपए के फार्म हाउस बने हुए हैं।