दमिश्क। दक्षिणी सीरिया में पांच दिनों तक चले संघर्ष के बाद सीरिया ने सीजफायर पर सहमति जताई है। इसके साथ उसने स्वैदा शहर से अपनी सेना को वापस बुलाने का आदेश दिया है। इस बीच सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने ड्रूज नागरिकों और उनके अधिकारों की रक्षा करने को प्राथमिकता बताया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इसका ऐलान किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा कि पिछले सप्ताह के आखिर से चल रहे सांप्रदायिक संघर्ष में शामिल पक्ष युद्धविराम के लिए विशिष्ट कदमों पर सहमत हो गए हैं। इससे भयावह स्थिति का अंत हो जाएगा। इसके लिए सभी पक्षों को अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करना होगा और हम उनसे यही अपेक्षा करते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दमिश्क पर इजराइली एयरस्ट्राइक के बाद अहमद अल-शरा ने ड्रूज नागरिकों से कहा था कि हम आपको किसी बाहरी पक्ष के हाथों में सौंपने के किसी भी प्रयास का विरोध करते हैं। उन्होंने इजराइल पर निशाना साधते हुए कहा कि हम उन लोगों में से नहीं, जो युद्ध से डरते हैं। हमने अपना जीवन चुनौतियों का सामना करने और अपने लोगों की रक्षा करने में बिताया है, लेकिन हमने सीरिया के लोगों के हितों को अराजकता और विनाश से ऊपर रखा है।
अल-शरा ने कहा कि इजराइल हमारी जमीन को अराजकता के अखाड़े में बदलना चाहता है। सीरियाई लोग अपनी गरिमा की खातिर लड़ने को तैयार हैं। हम इस धरती के बच्चे हैं और इजराइल की कोशिशों को नाकाम करने में पूरी तरह सक्षम हैं। हम उन लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए उत्सुक हैं, जिन्होंने हमारे ड्रूज लोगों को नुकसान पहुंचाया। उनके अधिकारों की रक्षा हमारी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है।
अहमद अल-शरा ने कहा कि इससे स्थिति काफी जटिल हो गई। मामला बड़े पैमाने पर बिगड़ गया, लेकिन अमेरिकी, अरब और तुर्की मध्यस्थता के प्रभावी हस्तक्षेप ने क्षेत्र को एक अज्ञात और अनिश्चित भविष्य से बचा लिया। मिडिल ईस्ट में बीते कुछ सालों से युद्ध छिड़ा हुआ है। बता दें सोमवार से ही इजराइल, सीरिया की सेना को निशाना बनाना शुरू कर दिया था। सीरिया के दक्षिणी शहर स्थित स्वैदा में स्थानीय सुरक्षा बलों और ड्रूज समुदाय के लड़ाकों के बीच झड़प की खबरें सामने आईं थीं, जिसके बाद इजराइल ने सीरियाई बलों को निशाना बनाना शुरू किया। इस झड़प में अब तक सैकड़ों लोग मारे गए।