जल संरक्षण में जनसहभागिता की अनूठी मिसाल

रायपुर : बेमेतरा जिले में जल संकट से निपटने और भूजल स्तर को बनाए रखने ’’मोर गांव मोर पानी’’ महाअभियान के तहत पांच दिनों में ही जन भागीदारी से 110 बोरी बंधान और 915 रिचार्ज पिट्स व सोख्ता गड्ढों का निर्माण किया गया है। वृहद पैमाने पर जनसहभागिता से 26 जून से 30 जून तक पांच दिनों तक संचालित व्यापक जल संरक्षण अभियान में गांव-गांव में जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया गया। इस दौरान बोरी बंधान, रिचार्ज पिट्स, सोखता गड्ढों जैसे वाटर रिचार्ज संरचनाओं का निर्माण प्राथमिकता से किया गया। जनप्रतिनिधियों, पंचायत सचिवों, रोजगार सहायकों, स्वसहायता समूहों की महिलाओं और ग्रामीणों की सक्रियता ने इस अभियान को जन-आंदोलन में बदल दिया।
’’मोर गांव मोर पानी’’ महाअभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए बेमेतरा जिले के सभी विकासखंडों में क्लस्टर स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए थे, जिनमें सरपंचों, सचिवों, रोजगार सहायकों और स्वसहायता समूहों को जल संरक्षण की तकनीकों की जानकारी दी गई। इस दौरान प्रतिभागियों को संरचनाओं के निर्माण की तकनीकी दक्षता भी प्रदान की गई, जिससे वे अपने गांवों में इन संरचनाओं को स्वप्रेरणा से निर्मित कर सकें।
’’मोर गांव मोर पानी’’ महाअभियान से बेमेतरा जिले में 110 बोरी बंधान और 915 रिचार्ज पिट्स व सोख्ता गड्ढों का निर्माण किया गया है। इनके निर्माण के दौरान लोगों में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला। इनमें भागीदारी करने वाले लोग आने वाले दिनों में और अधिक जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण के लिए स्वेच्छा से आगे आने को तत्पर हैं। लोगों ने उम्मीद जताई कि जनसहभागिता से चलाए जा रहे इस जल संरक्षण अभियान का दीर्घकालिक प्रभाव जल स्तर में सकारात्मक बदलाव के रूप में परिलक्षित होगा और जल की स्थायी उपलब्धता सुनिश्चित करने में यह मील का पत्थर साबित होगी। ग्रामीणों की सहभागिता और सामूहिक प्रयास से जल संकट के स्थायी समाधान की दिशा में यह एक अभिनव और प्रेरणादायी पहल है।