नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक में CM मान ने उठाया जल विवाद, कहा "डैम सुरक्षा राज्य के हाथ में रहे"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई. यह नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक थी, जिसका विषय 'विकसित राज्य से विकसित भारत @2047' रखा गया था. इस दौरान देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित रहे. पीएम मोदी ने कहा कि हमें एक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि 2047 तक भारत को विकसित बनाना है. वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नीति आयोग की बैठक में पंजाब-हरियाणा जल विवाद का मुद्दा भी उठाया. पंजाब ने केंद्र सरकार द्वारा भाखड़ा और नंगल डैम की सुरक्षा में CISF की तैनाती का किया विरोध. सीएम मान का कहना है कि डैम की सुरक्षा अब तक पंजाब संभालता रहा है. CISF की तैनाती से राज्यों के अधिकार कमजोर होंगे. उन्होंने केंद्र से CISF तैनाती के फैसले को वापिस लेने की मांग की.
BBMB की पक्षपाती कार्यशैली पर रोक लगे- CM
पंजाब सरकार नेभाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) पर राज्य के अधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. सीएम भगवंत मान ने कहा किबिना सहमति के पानी छोड़ना कानून और संघीय ढांचे के खिलाफ है. BBMB में पंजाब के अफसरों को नजरअंदाज किया जा रहा है. सीएम मान ने कहा किपंजाब की मांग है कि BBMB की पक्षपाती कार्यशैली पर तुरंत रोक लगना चाहिए.
CRPF की तैनाती अनावश्यक आर्थिक बोझ- CM मान
पंजाब-हरियाणा के बीच भाखड़ा-नंगल डैम के पानी का समझौता है. भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) इसके संचालन और जल बंटवारे का प्रबंधन करता है. हाल में पंजाब सरकार ने हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने से साफ इनकार कर दिया था. जिसके बाद ये मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा. मामला बढ़ने पर केंद्र ने बोर्ड की सुरक्षा CRPF को सौंप दी. पंजाब सरकार ने इसे अनावश्यक आर्थिक बोझ करार दिया है. इससे पहले 5 मई को सीएम मान ने पंजाब विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाया था. इसमें सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि हरियाणा को पंजाब के हिस्से का एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं दिया जाएगा. पंजाब के सीएम भगवंत मान का साफ कहना है कि वो एक बूंद भी पानी हरियाणा को नहीं देंगे. हरियाणा ने सालाना कोटे का पानी समय से पहले ही खर्च कर लिए हैं अब राज्य को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है.