ट्रंप और हार्वर्ड की जंग में फंसे विदेशी छात्र, कहा 'हमें मोहरा बनाया जा रहा'
Harvard University: अमेरिका के सबसे पुराने शैक्षणिक संस्थान और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाली सरकार के बीच ऐसा गतिरोध जारी है. जो आज से पहले कभी देखने को नहीं मिला. बात हो रही है अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की, जहां पढ़ने वाले इंटरनेशनल स्टूडेंट्स ट्रंप के एक फैसले से दहशत में हैं. ट्रंप सरकार ने इंटरनेशनल स्टूडेंट्स का एडमिशन करने के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अधिकार को रद्द कर दिया है. भले कोर्ट से अभी के लिए ट्रंप सरकार के इस फैसले पर स्टे लग गया है लेकिन स्टूडेंट अनिश्चितता में डूबे हैं.
लियो गेर्डेन हार्वर्ड में पढ़ने के लिए स्वीडेन से आए हैं. वो अगले सप्ताह ही ग्रेजुएट होने वाले हैं. उन्होंने बताया, "व्हाइट हाउस और हार्वर्ड के बीच लड़ाई में हमें अनिवार्य रूप से पोकर चिप्स के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, और यह ईमानदारी से बहुत अमानवीय लगता है." ट्रंप सरकार ने हार्वर्ड पर यूनिवर्सिटी कैंपस में असुरक्षित संस्कृति को बनाए रखने का आरोप लगाया है. जो यहूदी लोगों के साथ अनुचित व्यवहार करता है. सरकार कैंपस कार्यक्रमों, कर्मचारियों की नियुक्ति और छात्रों के एडमिशन के मामले में यूनिवर्सिटी के काम करने के तरीके को बदलना चाहती है.
एक पोस्टडॉक्टरल इजरायली छात्रा ने कहा कि अमेरिकी सरकार हार्वर्ड के खिलाफ बड़ी लड़ाई को आगे बढ़ाने और हमला करने के लिए यहूदी छात्रों को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा, ''यहूदी छात्रों को मोहरे की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है.'' उन्होंने कहा कि वास्तव में यहूदी और इजरायली छात्रों की सुरक्षा की परवाह करने के बजाय, व्हाइट हाउस उन विचारों पर नकेल कस रहा है जो हमेशा सरकार के साथ मेल नहीं खाते.
हार्वर्ड छात्र संगठन के सह-अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद सियाल पाकिस्तान के लाहौर से हैं. उन्होंने बताया कि हजारों छात्र अपने अभी के लीगल स्टेट्स को खोने से डर रहे हैं. उन्होंने कहा, "वे सचमुच वे टीनेजर्स हैं, जो अपने वतन से हजारों मील दूर इस स्थिति से निपट रहे हैं, जिसमें वकील अक्सर शामिल होने से डरते हैं." सियाल ने कहा कि हार्वर्ड खास है क्योंकि इसने केवल अमेरिका से ही नहीं, बल्कि दुनिया भर से सबसे बुद्धिमान लोगों को आकर्षित किया है. उन्होंने कहा, जब छात्र वहां पढ़ने आते हैं तो देश को भी बहुत फायदा होता है, लेकिन अब इन छात्रों के साथ गलत और अपमानजनक व्यवहार किया जा रहा है.
ऑस्ट्रिया के एक छात्र कार्ल मोल्डन ने कहा कि कई लोगों ने देश के सबसे पुराने और सबसे धनी कॉलेज हार्वर्ड में प्रवेश के लिए बहुत मेहनत की है, और अब उन्हें इंतजार करना होगा और वीजा समस्याओं से निपटना होगा. हार्वर्ड के छात्र समूह में लगभग 27 प्रतिशत इंटरनेशनल स्टूडेंट हैं. हार्वर्ड द्वारा मामले को अदालत में ले जाने के बाद शुक्रवार को एक संघीय न्यायाधीश ने ट्रंप प्रशासन के प्रतिबंध को अस्थायी रूप से रोक दिया है.