नई दिल्लीः यह खबर उन पैरंट्स के लिए है जिनके बच्चे अपना ज्यादातर समय ऑनलाइन बिताते हैं। ताजा मामला जहांगीरपुरी का है। जहां ट्रेडिंग के 'साइबर गेम' में फंसकर एक स्टूडेंट ने अपने पिता की सैलरी दांव पर लगा दी। अकाउंट खाली हुआ तो बच्चा विचलित हो गया। वह स्कैमर से चैट पर दांव पर लगाई रकम को वापस मांगता रहा। लेकिन पैसे लौटाने के बजाय स्कैमर ब्लैकमेल करते हुए और ज्यादा डिमांड करने लगा।

बिना बताए घर से चला गया बेटा
बच्चे को जब भनक लगी कि पिता बैंक जाने वाले हैं। डर और तनाव की वजह से 9 अक्टूबर को बिना बताए घर से चला गया। बेटे के अचानक लापता होने पर माता पिता परेशान हो गए। 'अनहोनी' की आशंका में तुरंत जहांगीरपुरी थाने में कंप्लेंट दी। बुधवार को बच्चे का स्कूल में पेपर था। परिवार और पुलिस स्कूल के बाहर सादा कपड़ों में तैनात हो गई।

परिवार ने ली राहत की सांस
दोपहर के समय लड़का चुपके छिपते जैसे ही स्कूल पहुंचा। परिवार ने राहत की सांस ली। फिलहाल पुलिस ने बच्चे की काउंसलिंग कराई है। पुलिस सूत्रों और परिजनों के मुताबिक, 11वीं क्लास में पढ़ाई कर रहा यह स्टूडेंट अंशु (बदला हुआ नाम) परिवार के साथ जहांगीरपुरी के K ब्लॉक में रहता है। परिवार में पिता एमसीडी में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर जॉब करते हैं।

एटीएम से निकालने गए पैसे लेकिन...
स्टूडेंट के पिता ने पुलिस को इस संबंध में कंप्लेंट दी। पिता ने बताया कि उनका बेटा अंशु जहांगीरपुरी के ही एक स्कूल में 11वीं की पढ़ाई कर रहा है। 9 अक्टूबर को सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे अंशु अचानक घर घर से से निकला। उसके बाद वह नहीं लौटा। दरअसल, उसी समय अंशु के पिता बैंक से लौटे थे। उन्होंने बताया कि वह एटीएम से जब पैसे निकालने गए तो उसमें बैलेंस जीरो बता रहा था।

नहीं मिला कोई सुराग
जब वह बैंक पहुंचे तो मालूम चला कि अकाउंट से 50 हजार से अधिक की रकम यूपीआई में शिफ्ट कर सारा पैसा गोआ से लेकर मुंबई और अन्य ब्रांचों में ट्रांसफर किया गया। घर पहुंचे तो बेटा लापता। परिवार ने 9 अक्टूबर की रात तक सभी जगह तलाश ली लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इस बीच अंशु के दोस्तों ने पिता को बताया कि वह काफी समय से मोबाइल पर ट्रेडिंग और टास्क गेमिंग ऐप में फंसा था।