दिलीप जोशी, हिंदी टीवी इंडस्ट्री का एक ऐसा नाम, जिन्हें आज के समय में असली नाम से भले ही कम लोग पहचानें, लेकिन जेठालाल के नाम से पूरा देश उन्हें जानता है. वो पिछले 17 सालों से टीवी के पॉपुलर शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ का हिस्सा हैं और जेठालाल का किरदार निभाकर लोगों को हंसा रहे हैं.

ये शो साल 2008 में शुरू हुआ था. पहले एपिसोड से वो इस शो का हिस्सा हैं. वो हिंदी टीवी शोज और फिल्मों के अलावा वो गुजराती थिएटर प्ले का भी बड़ा नाम हैं. उन्होंने अपना करियर 12 साल की उम्र में गुजराती प्ले से शुरू किया था. जब वो अपना पहला गुजारती प्ले कर रहे थे तो उस समय कुछ ऐसा हुआ था, जिसे देखरक एक बच्चा चिल्लाते हुए कहने लगा था कि मम्मी देखो भगवान रो रहे हैं.

दिलीप जोशी का बर्थडे

आज यानी 26 मई को दिलीप जोशी का बर्थडे है. उनका जन्म 26 मई 1965 को साउथ मुंबई के भुलेश्वर में हुआ था. चलिए आज हम आपको उनके जन्मदिन के मौके पर उनके पहले प्ले से जुड़ा वो किस्सा बताते हैं. दिलीप जोशी अपना पहला प्ले कर रहे थे. वो भगवान रणछोड़ दास का किरदार निभा रहे थे. उस सीन में उन्हें 5-6 मिनट तक मूर्ति बनकर खड़े रहना था. अब जब वो भगवान का किरदार निभा रहे थे, तो सीन कुछ ऐसा था कि उनकी पूजा होनी थी. उनके साथ परफॉर्म कर रहे आर्टिस्ट उनकी पूजा करने के लिए अगरबत्ती जलाते हैं, जिसका धुआं उनकी आंखों में लगता है. धुएं की वजह से उनकी आंखों से आंसू निकलने लगते हैं.

तालियों से गूंज उठा था हॉल

जब तक उनका कोई डायलॉग नहीं आ जाता तब तक वो पलक झपका नहीं सकते थे, क्योंकि वो मूर्ति बनकर खड़े थे. ऐसे में उनकी आंखों से आंसू निकल रहे थे. तभी ऑडियंस में बैठा बच्चा एक बच्चा जोर से चिल्लाता है और कहता है कि मम्मी, मम्मी भगवान रो रहे हैं. इस सीन को देखकर ऑडियंस तालियां बजाने लगती है और पूरा हॉल तालियों से गूंज उठता है. इस किस्से के बारे में दिलीप जोशी ने खुद एक बार मैशेबल इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में बताया था.