कानवन भाजपा मंडल अध्यक्ष पद की सीट आखिर क्यों अटकी???

बूथ से लेकर रायशुमारी तक वर्तमान मंडल अध्यक्ष का नाम सबसे आगे???

आखिर फिर क्यों कानवन मंडल अध्यक्ष  पद को होल्ड पर रखा गया????

कानवन मंडल अध्यक्ष पद के लिए क्या जातिय समीकरण को बिठाया जाएगा 

या फिर ईमानदारी से पार्टी के साथ काम करने वाले को फिर से दी जाएगी तवज्जा??

क्या जिला अध्यक्ष और पूर्व मंत्री की आपसी खींचातानी की वजह से होल्ड पर रखी गई कानवन मंडल की सीट???

 

पिछले दिनों धार जिले में मंडल अध्यक्षों की लिस्ट जारी होते ही आरोप प्रत्यारोप तथा विरोध प्रदर्शन का दौर जारी हो गया, जिनका नाम बूथ से लेकर रायशुमारी में था भी नहीं वे भी मंडल अध्यक्ष बन गए, तो वहीं जो बूथ से लेकर रायशुमारी में आगे चल रहे थे उनका कहीं से कहीं मंडल अध्यक्ष पद की लिस्ट में नाम ही नहीं आया। ऐसे में पार्टी में लंबे समय से ईमानदारी से काम करने वाले कर्मठ कार्यकर्ताओं के मंसूबों पर पानी फिर गया। इसी के चलते मंगलवार को धार जिला भाजपा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं द्वारा पूर्व विधायक वेल सिंह भूरिया व अन्य नेताओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई तथा विरोध प्रदर्शन किया गया।


ऐसा ही विरोध प्रदर्शन कानवन मंडल अध्यक्ष पद के लिए देखने को मिल सकता है।

कानून मंडल अध्यक्ष पद पूर्व मंत्री और भाजपा जिला अध्यक्ष की वर्चस्व की लड़ाई तथा दोनों ही नेताओं की राजनीतिक दांवपेंच के बीच फंस गया है। 

अगर बात की जाए कानवन मंडल अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर की तो उनका पिछला कार्यकाल बेहतरीन रहा है उन्होंने तन मन और धन से कानवन मंडल के लिए काम किया।

 इतना ही नहीं कानवन मंडल से लोक सभा चुनाव में लीड भी दिलवाई। भाजपा के कर्मठ नेता व कार्यकर्ता है।

 ईमानदारी से काम करते आए हैं पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखते हैं अभी भी कानवन मंडल में धर्मेंद्र राठौर साहब छवि के जाने जाते हैं युवाओं में राठौर की अच्छी खासी पकड़ भी है।

 उनके दूसरे कार्यकाल के लिए उन्होंने फिर कानवन मंडल अध्यक्ष पद की दावेदारी की जिसमें बूथ से लेकर रायशुमारी  तक उनका नाम अध्यक्ष पद के लिए आगे चल रहा है। पार्टी के लिए भी राठौड़ पहली पसंद है। 

 लेकिन इसके बावजूद भी आखिर पार्टी की ऐसी क्या मजबूरी है की कानवन मंडल अध्यक्ष पद को होल्ड पर रखा गया????

 बताया जाता है कि पूर्व मंत्री और भाजपा जिला अध्यक्ष की वर्चस्व की लड़ाई तथा राजनीतिक दांवपेंच के बीच एक ईमानदार और कर्मठ कार्यकर्ता का भविष्य अटक गया। सूत्रों की माने तो कानवन मंडल अध्यक्ष के लिए जातिय समीकरण से जोड़कर भी देखा जा रहा है?? 
वैसे तो मंडल अध्यक्ष पद की नियुक्ति के लिए पूर्व मंत्री राजवर्धन सिंह दतीगांव की अच्छी खासी पकड़ रही है ज्यादातर दत्ती गांव की लिस्ट के नेता मंडल अध्यक्ष बने हैं भाजपा जिला अध्यक्ष मनोज सोमानी की लिस्ट के एक भी व्यक्ति मंडल अध्यक्ष नहीं बन पाया। 

बहरहाल जो भी हो लेकिन यह साफ है कि की कानवन मंडल अध्यक्ष के लिए  बूथ से लेकर रायशुमारी तक धर्मेंद्र राठौर का नाम चल रहा है ऐसे में अगर मंडल अध्यक्ष के लिए किसी और का नाम आगे आता है तो पार्टी को विरोध प्रदर्शन और भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

ग्लोबल इंडिया टीवी के लिए धार से अमर वर्मा की यह खास रिपोर्ट

https://youtu.be/duQEp7lZKE8