75 अमृत सरोवरों से 878 हेक्टेयर से अधिक खेतों को मिली सिंचाई
शासन की अमृत सरोवर योजना के तहत भोपाल जिले में 75 नए अमृत सरोबर बनकर तैयार किए गए है। इन 75 अमृत सरोवर से 878 हैक्टेयर से अधिक असिंचित भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो गई है अब इन अमृत सरोवर पर मल्टीपल एक्सरसाइज की जा रही है। जिला पंचायत इन अमृत सरोबर के आसपास सौंदर्यीकरण कर इन अमृत सरोबर को यहां आसपास के ऐतिहासिक क्षेत्र से जोड़ा जाएगा ताकि यहां आने वाले लोगों को क्षेत्र का ऐतिहासिक महत्व पता लग सकेगा। इन अमृत सरोबर को वाटर शेड योजना, आईटीसी, माइनिंग और मनरेगा से बनाया गया है। इनके बनने से क्षेत्र का वाटर लेवल भी बढ़ेगा। अमृत सरोबर में करीब 9 लाख 58 हजार 948 घन मीटर पानी का स्टोरेज होने का अनुमान है।
भोपाल जिले के बैरसिया तहसील के ग्राम पंचायत खंडारिया का अमृत सरोवर किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। 16500 घन मीटर जल संधारण क्षमता के अमृत सरोवर में जन सहयोग करने वाले संगठन एवं श्री लाखन सिंह, श्री लालजी राम यादव एवं अन्य ग्रामीण बताते है कि ग्राम पंचायत खंडारिया एवं आसपास की पंचायत खेरखेड़ा में सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण किसान वर्षा आधारित कृषि पर ही निर्भर थे। अमृत सरोवर बन जाने से समीपस्थ खेतों के कूपो एवं बोरवेल भू-जल में जो वृद्धि हुई हैं उससे अब किसान दो से अधिक फसले ले रहे है एवं फसल की पैदावार में भी वृद्धि हुई है। साथ ही भूमि में नमी बने रहने के कारण स्थानीय वनस्पति का संरक्षण, पानी की उपलब्धता से जीव जन्तुओं की प्रजातियों का भी संरक्षण एवं पर्यावरण संतुलन में अमृत सरोवर वरदान साबित हो रहे है।
अमृत सरोवर योजना ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में तालाबों के संरक्षण के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। तालाबों के माध्यम से जल संरक्षण होने से क्षेत्र में घटते जलस्तर को रोकने में भी बहुत हद तक मदद मिलेगी। अमृत सरोवर के आसपास से लगी किसानों की भूमि सिंचित होगी तो वे एक फसल के स्थान पर तीन फसल का लाभ ले सकेंगे। इससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी और पशुओं व वन्य प्राणियों के पीने के लिए पानी भी उपलब्ध हो सकेगा। आसपास के कुओं तथा बोरवेल रिचार्ज होंगे औ भूमिगत जल स्तर में बढ़ोतरी होगी। अमृत सरोवर का सिंचाई के साथ मछली पालन, सिंगाड़ा की खेती जैसे व्यवसायिक उपयोग भी किया जाएगा और बड़ी संख्या में रोजगार भी सृजित होंगे