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विधायक भंवरसिंह शेखावत ने पीएम टेक्सटाईल पार्क के पीडित लोगो से की बातचीत

उधोग लगने से क्षेत्र का विकास होगा, परंतु विस्थापित लोगों के जीवन व्यापन की ठोस व्यवस्था हो- विधायक शेखावत

विधायक भंवरसिंह शेखावत ने पीएम टेक्सटाईल पार्क के पीडित लोगो से की बातचीत

उधोग लगने से क्षेत्र का विकास होगा, परंतु विस्थापित लोगों के जीवन व्यापन की ठोस व्यवस्था हो- विधायक शेखावत

जिन लोगों को वहां से हटाएंगे, भविष्य में रोजगार की क्या ग्यारंटी- पीडित गरीब आदिवासी

बढी आमदानी से व्यक्ति का जीवन स्तर एवं रहन सहन भी उच्च स्तर का होगा-एसडीएम दीपकसिंह चौहान

विस्थापितों को पक्का मकान एवं गाइड लाइन से दोगुना मुआवजा मिलेगा- सुनिल पाल एमपीआईडीसी

बदनावर/पीएम टेक्सटाइल मेघा पार्क को लेकर विधायक भंवरसिंह शेखावत ने क्षेत्र के किसानों एवं रहवासियों से बातचीत की गयी। विधायक के समक्ष एमपीआईडीसी के अधिकारियों टेक्सटाइल पार्क की स्थापना से होने वाले फायदों के बारे में बताया गया। किसानों को भी इस बैठक में बुलाया गया था। बैठक में विधायक भंवरसिंह शेखावत, एसडीएम दीपकसिंह चौहान, तहसीलदार सत्येन्द्रसिंह गुर्जर, एमपीआईडीसी के एक्जिक्युट इंजिनियर सुनिल पाल, पत्रकार महेश पाटीदार, जनपद सदस्य दिलीप निनामा, मनोहर मकवाना, मांगीलाल मौजुद थे।
पीएम टेक्सटाइल मेघा पार्क 1563 हेक्टयर में बदनावर के भैसोंला, दोतरीया क्षेत्र में स्थापित होना है। किंतु जो भूमि चयनित की गयी है। उस पर पिछले कई वर्शो से गरीब आदिवासी लोग खेती कर जीवन व्यापन करते है। तथा करीब 90 परिवार के कच्चे पक्के मकान भी बने है। पीएम मेघा पार्क का कुछ लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है। इन लोगों को भय है कि हमे यहां से हटाने के बाद जीवन व्यापन करना मुष्किल होगा। तथा यहां से हटाने के बाद बेघर हो जाएंगे। डर और भय के कारण गरीब आदिवासियों द्वारा पीएम मेघा पार्क का विरोध किया जा रहा है।

जिन लोगों को वहां से हटाएंगे, भविष्य में रोजगार की क्या ग्यारंटी- पीडित गरीब आदिवासी

दिलीप निनामा, मनोहर मकवाना एवं मांगीलाल सहित कई व्यक्ति ने तर्क दिया कि लोगों को वहां से हटाने पर उनके रोजगार की क्या ग्यांरटी है। क्या उधोग लगने के बाद विस्थापित लोगों को ठेकेदार नौकरी पर रखेगें। और जिनके झोपडे तोडे जाएंगे उनको कहां विस्थापित किया जाएगा। जिन लोगों की निजी भूमि अधिग्रहित की जाएगी उसका मुआवजा मिलेगा, किंतु शासकीय जमीन पर कब्जे वाली भूमि को लेकर क्या योजना बनायी गयी है। इन प्रश्नों का व्यवस्थि हल होने पर ही आगे गतिविधि करने दी जाएगी।

विस्थापितों को पक्का मकान एवं गाइडलाइन से दोगुना मुआवजा मिलेगा- सुनिल पाल एमपीआईडीसी

एमपीआईडीसी के सुनिल पाल ने बताया कि जिन 90 परिवारों के कच्चे पक्के मकान अधिग्रहण क्षेत्र में बने है उनको भैंसोला के समीप 20 बाय 50 के पक्के मकान बना कर दिए जाने की योजना है। जिसमें उनके मवेशी बांधने की भी व्यवस्था रहेगी। तथा जिन लोगों की निजी भूमि अधिग्रहण होगाी उनको शासकीय गाइड लाइन से दोगुना मुआवजा का प्रावधान है। साथ ही जिन लोगों को विस्थापित किया जाएगा। उनके परिवार के सभी लोगों को लगने वाले उधोग में पक्की नौकरी दी जाएगी। 300 से अधिक उधोग लगने पर क्षेत्र में रोजगार के साथ अन्य क्षेत्र में कार्यरत लोगों को भी काफी फायदा मिलेगा।

उधोग लगने से क्षेत्र का विकास होगा, परंतु विस्थापित लोगों के जीवन व्यापन की ठोस व्यवस्था हो- विधायक भंवरसिंह शेखावत

विधायक शेखावत ने कहा यह प्रोजक्ट लगने से क्षेत्र में काफी विकास होकर रोजगार उपलब्ध होगा। किंतु भेसोला एवं दोत्रिया क्षेत्र के लोगांे की परेशानियों का भी ध्यान रखना होगा। तथा जिन लोगों को भूमि पोजेक्ट में शामिल की गयी उनके लिए जीवन व्यापन हेतु योजना पहले बनायी जाना आवश्यक है। और जो योजना बने उसमे इन गरीब लोगों के हित भी ध्यान रखा जाए। उधोग लगने से क्षेत्र का विकास होगा, परंतु जो लोग बरसो से इस भूमि पर खेती कर रहे है उन्हे अचानक बेदखल नहीं किया जा सकता है। पहले इन लोगों से बातचीत की जाए और इनके जीवन व्यापन की ठोस व्यवस्था की जाना आवश्यक है। पीएम मेघा टेक्सटाइल पार्क भी लगे और इन लोगों को भी कोई नुकसान न हो ऐसा प्रयास किया जाना चाहिए। क्षेत्र के लोगों से बातचीत कर ही समस्या का निराकरण संभव है। उन लोगों के भविष्य को ध्यान में रखकर प्रकिया आगे बडायी जा सकती है।

बढी आमदानी से व्यक्ति का जीवन स्तर एवं रहन सहन भी उच्च स्तर का होगा-एसडीएम दीपकसिंह चौहान

एसडीएम दीपकसिंह चौहान ने कहा कि पार्क में अधिग्रहित होने वाली शासकीय भूमि पर जो लोग खेती कर रहे है उन्हे वर्तमान में किसी भी योजना का लाभ नही मिलता है। उस पर न तो के सी सी मिलता है और न ही शासन की अन्य योजना में अनुदान का पात्रता है। यदि कोई किसान 3 बीघा में खेती करता है तो वर्ष भर अधिकतम 50 हजार की आमदानी होती है किंतु उधोग लगने से परिवार के काम करने योग्य प्रत्येक सदस्य को नौकरी से 12 हजार रु प्रतिमाह वेतन मिलता है तो उसे खेती से अधिक आय होगी। यदि परिवार के तीन सदस्य को नौकरी मिलती है उसे प्रतिमाह 36 हजार रु की आमदानी होगी। बढी आमदानी से व्यक्ति का जीवन स्तर उंचा उठेगा। और रहन सहन भी उच्च स्तर का होगा। पार्क स्थापना वाले क्षेत्र के लोगों को इस पर ध्यान देना चाहिए और टेक्सटाइल पार्क को लगाने में आगे आकर सहयोग करना चाहिए.!

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