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दो सफल शराब कारोबारी ठाकुर और गौतम की कहानी

 

उत्तर प्रदेश से आए धार जिले में ऐसे दो शराब कारोबारी हैं जिन की कहानी बड़ी दिलचस्प है अगर इनकी बात की जाए तो इन्होंने हर फर्श से लेकर अर्स तक का सफर तय किया और सफल भी हुए लेकिन दोनों में ही जमीन आसमान का अंतर है

आखिर दोनों की क्या विशेषता है और यह शराब कारोबारी है कौन और कैसे ये सफल हुए आइए जानते हैं अमर वर्मा की यह खास रिपोर्ट

आपको बता दें कि बालमुकुंद सिंह गौतम और विजय बहादुर सिंह नन्हे ठाकुर दोनों ही उत्तरप्रदेश से ताल्लुक रखने वाले शराब कारोबारी हैं

जिन्होंने धार जिले में आकर बड़ा संघर्ष किया और दोनों ने ही शराब कारोबारी में सफलता की ऊंचाइयों को छुआ।

अगर बात की जाए बालमुकुंद सिंह गौतम की तो वे शराब कारोबार में काफी सफल हुए और देखते ही देखते अपना बहुत बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लिया।

लेकिन वे राजनीति के माध्यम से सत्ता का पावर प्राप्त करना चाहते थे ।
इसके लिए उन्होंने शराब कारोबार के बाद समाज सेवा की राह अपनाई और सीधे राजनीति की सीढ़ी पर छलांग मार दी ताकि सत्ता का पावर हासिल किया जा सके

मगर छलांग मारने वाले लोग विरले ही होते हैं जो सफल हो पाए।

गौतम आज राजनीति में संघर्ष कर रहे हैं जिसकी वजह से न सिर्फ समाज सेवा से दूर हुए बल्कि अपने कारोबार से भी काफी पीछे चले जा रहे हैं ।

गौतम ने शराब कारोबार में शासन के नियमों का उल्लंघन करके भी कारोबार किया जिसकी वजह से उन पर शराब अधिनियम के अंतर्गत कई केस भी दर्ज हुए ।

मारकुट और लड़ाई दंगे जैसे केसों में भी गौतम कभी पीछे नहीं रहे। जिसकी वजह से उन पर कई केस भी दर्ज हैं ।

तो वहीं अब अगर नन्हे सिंह ठाकुर की बात की जाए तो वे इस कारोबार की राह पर पैदल चलते गए और चलते ही गए और लंबे समय तक संघर्ष किया।

तथा आज गौतम से बड़ा साम्राज्य खड़ा कर दिया।
और धार जिले में एक सफल शराब कारोबारी के नाम से जाने जाते है।

नन्हे सिंह ठाकुर ने शराब कारोबार में लगभग शासन के नियमानुसार चलकर यह मुकाम हासिल किया।

ठाकुर मारधाड़ में विश्वास नहीं करते हैं और ना ही कोई छलांग लगाकर अपने कारोबार को रातों-रात खड़ा करना चाहते थे उन्होंने धीरे-धीरे संघर्ष करते हुए अपने कारोबार को आगे बढ़ाया आज वे एक सफल शराब कारोबारी है।

प्रदेश के कई जिलों में उनका शराब कारोबार शासन के नियमानुसार चल रहा है।

नन्हे सिंह ठाकुर की बड़ी विशेषता यह है कि वे अपने कारोबार के साथ साथ समाज सेवा करते रहे और आज भी समाज सेवा करने में विश्वास रखते हैं।
उन्हें किसी बात का अहंकार नहीं है

उनकी पहचान अच्छे व्यक्तित्व मिलनसार समाजसेवी में अब ज्यादा देखी जा रही है। ठाकुर के जन्मदिन पर उन्हें बधाई देने वालों का दिनभर तांता लगा रहा।

इतना ही नहीं उनके चाहने वालों की वजह से बाजार में बड़े-बड़े होर्डिंग और सोशल मीडिया में भी ठाकुर अपने जन्मदिन पर काफी छाए रहे।

या यूं कहे कि ठाकुर के साथ में उनके चाहने वालों की एक बड़ी फौज तैयार हो गई हैं।

यानी दिन प्रतिदिन ठाकुर की लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है जो एक समय में ऐसे ही गौतम का बोलबाला था।

अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या नन्हे सिंह ठाकुर भी गौतम की राह पर चलकर राजनीति में कदम रखेंगे यह बड़ा सवाल है

गौतम ने सफल शराब कारोबारी के तुरंत बाद जमकर समाज सेवा की और लोकप्रियता तो हासिल कर ली मगर राजनीति में जनता का दिल जीत नही पाए।

 

शायद वजह रही होगी की समाज सेवा के पीछे उनका स्वार्थ छिपा हो।

आज गौतम और गौतम परिवार को राजनीति की राह पर लोगों का उतना समर्थन नहीं मिल पा रहा है जिसकी वजह से वे सत्ता के पावर से कोसों दूर है।

और इसके लिए वे संघर्ष करते ही जा रहे हैं इसी संघर्ष में वे कई महत्वपूर्ण समाज सेवा के कार्य जो उन्होंने शुरू किए थे उनसे भी वंचित हो गए है।

हालाकी जो गलती गौतम ने की वह गलती नन्हे सिंह ठाकुर जानबूझकर भी नहीं करेंगे

हालांकि आगे क्या होता है यह कोई नहीं जानता है ।
यह तो आने वाला वक्त ही बता सकता है

नन्हे सिंह ठाकुर का कहना है कि वे जीवन भर राजनीति में कदम नहीं रखेंगे और ना ही उनके परिवार से कोई राजनीति में आएगा…

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