जल स्रोतों पर पेयजल परिरक्षण अधिनियम लागू होगा
नल जल योजनाओं में काम नहीं करने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध होगी एफआईआर -
पेयजल परिवहन में नहीं करेंगे किराए के टैंकर का इस्तेमाल
जिले में ग्रीष्म के दौरान पेयजल व्यवस्था हेतु महत्वपूर्ण बैठक संपन्न
कलेक्टर श्री नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी द्वारा ग्रीष्म के दौरान जल उपलब्धता हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में बुधवार प्रातः कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बैठक के दौरान कलेक्टर ने नगरीय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जल उपलब्धता की समीक्षा की। ग्रीष्मकाल में सुचारू रुप से पेयजल आपूर्ति के लिए अधिकारियों को सक्रिय एवं जागरुक रहने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि जिले में जल स्त्रोतों पर पेयजल परिरक्षण अधिनियम लागू किया जाएगा। इस संबंध में अधिकारी तत्काल प्रस्ताव प्रेषित करें। वर्तमान रबी मौसम में सिंचाई के लिए तालाबों से पूर्व में निर्धारित की गई मात्रा में ही पानी दिया जाएगा। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग उन ठेकेदारों के विरुद्ध एफआईआर करवाएं जो नल जल योजनाओं में ठीक से कार्य नहीं कर रहे है।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती लालाबाई शंभूलाल चन्द्रवंशी, महापौर श्री प्रहलाद पटेल, जनपद रतलाम अध्यक्ष श्रीमती साधना जायसवाल, बाजना जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री कैलाश मुनिया, नगर पालिका जावरा अध्यक्ष सुश्री अनम कडपा, नगर पालिका सैलाना अध्यक्ष श्री चेतन्य शुक्ला, जावरा, आलोट तथा रतलाम अनुविभागों के एसडीएम, कार्यपालन यंत्री पीएचई श्री पी.के गोगादे, जल निगम के सहायक यंत्री श्री गौरव सिंघई, पीएचई के एसडीओ आदि उपस्थित थे।
बैठक में महापौर श्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि जल संकट से बचने के लिए आवश्यक है कि बरसाती पानी को सहेजा जावे। वर्षा के दौरान छत के पानी से भूमि पुनर्भरण किया जाए। महापौर ने आग्रह किया कि स्थानीय निकाय भवन निर्माण अनुमति देने में ध्यान रखें कि बरसात के पानी से घरों के ट्यूबवेल रिचार्ज अनिवार्य रूप से किए जाएं।
कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने सभी अधिकारियों को चेतावनी दी कि ग्रीष्मकाल के दौरान अपने क्षेत्र में सुचारू पेयजल व्यवस्था के लिए जागरूक रहे। सक्रियता के साथ नजर रखें, मात्र अफसर बनकर उदासीन नहीं रहे। कलेक्टर ने स्पष्ट चेतावनी दी कि जिन अधिकारियों ने ग्रीष्मकाल में पेयजल उपलब्धता के बारे में लापरवाही बरती तो उनके विरुद्ध एफआईआर की जाएगी। जल जीवन मिशन की योजनाओं में ठेकेदारों द्वारा ठीक से कार्य नहीं करने पर उनके विरुद्ध भी एफआईआर कराई जाए।
धोलावाड़ सरोज सरोवर डैम के बारे में जागरूकता नहीं रखने पर कलेक्टर ने कार्यपालन यंत्री जल संसाधन श्री पी.के. खरत को शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। बताया गया कि धोलावाड़ में पर्याप्त पानी है, सिंचाई के लिए जितनी मात्रा आरक्षित है उससे अधिक पानी नहीं दिया जाएगा। इसी प्रकार अपने विभागीय कार्यों की जानकारी प्रस्तुत कर पाने में असमर्थ कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री पी.के. गोगादे को कलेक्टर ने फटकार लगाई। टेंडर कार्य में लापरवाही बरतने पर बड़ावदा सीएमओ को भी कलेक्टर से फटकार मिली। महिला बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ियों तथा स्कूलों में बच्चों के लिए पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता रखने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए गए।
समीक्षा के दौरान हैंडपंपों की स्थिति के बारे में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग तथा जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा बताए गए आंकड़ों में भिन्नता पाए जाने पर कलेक्टर ने सख्त नाराजगी व्यक्त की, पुनः सर्वे द्वारा जानकारी में एकरूपता लाने के निर्देश दिए। रतलाम ग्रामीण की जानकारी दी गई कि 2772 हैंडपंपों में से मात्र 24 हैंडपंप बंद है जबकि जनपद सीईओ द्वारा बताया गया आंकड़ा पृथक था। सैलाना के बारे में बताया गया कि 1795 हैंडपंप चालू हालत में है, 21 हैंडपंप बंद है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने बाजना के बारे में बताया कि वहां 1750 हैंडपंप है इनमें से 22 बंद है। उपस्थित जनपद अध्यक्ष ने कहा कि इससे कहीं अधिक संख्या में हैंडपंप बंद पड़े हैं। जावरा जनपद क्षेत्र में 1599 हैंडपंप की जानकारी देते हुए 20 हैंडपंप बंद बताए गए। जनपद क्षेत्रों की समीक्षा में कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बताए गए आंकड़े विश्वसनीय नहीं है। उन्होंने जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्राम पंचायतों के सचिवों से वास्तविक संख्या प्राप्त करे।
हैण्डपंपो की समीक्षा के दौरान विसंगति पूर्ण जानकारी देने पर कलेक्टर ने कार्यपालन यंत्री पीएचई श्री पी.के. गोगादे तथा आलोट क्षेत्र के पीएचई सब इंजीनियर श्री कुमावत को शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। नगरीय क्षेत्रो की समीक्षा में नामली सीएमओ द्वारा बताया गया कि ग्रीष्म के दौरान 5 ट्यूबवेल खनन की आवश्यकता नामली के लिए होगी। नगर परिषद ने 14 लाख रुपए के जल परिवहन की कार्य योजना बनाई है, वहां वर्तमान में 28 ट्यूबवेल है परंतु ग्रीष्म के दौरान जलस्तर नीचे जाने की आशंका है।
इस दौरान कलेक्टर द्वारा जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को उन क्षेत्रों की विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए जहां जल जीवन मिशन की नल जल योजनाओं के सम्बन्ध में शिकायतें मिली हैं, कलेक्टर ने चेतावनी दी कि योजनाओं के क्रियान्वयन में अगर गड़बड़ी पाई गई तो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री गोगादे पर भी एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। सुखेडा नल जल योजना के क्रियान्वयन में परिलक्षित गडबडी की जांच पश्चात कार्यपालन यंत्री श्री गोगादे से वसूली भी की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि समय सीमा में योजनाएं गुणवत्ता के साथ पूर्ण की जाना है। विभागीय इंजीनियर ठेकेदारों के साथ सांठगांठ नहीं करें, गलत कार्यों में संलग्न होकर ठेकेदार को बचाने का प्रयास नहीं करें अन्यथा विभागीय जांच तथा एफआईआर के लिए तैयार रहें।
कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने जिले में सुचारू पेयजल आपूर्ति के लिए हैंडपंपों के उचित संधारण, बंद पड़े हैंडपंप को चालू करने, राइजर पाइप बढ़ाने, पाइप लाइन ठीक करने तथा अन्य आवश्यक कार्य दुरुस्ती हेतु निर्देशित किया।
बैठक में जल निगम के इंजीनियर अधिकारी श्री गौरव सिंघई द्वारा बताया गया कि सतह आधारित जल स्त्रोतों से जल निगम द्वारा रतलाम जिले में 2 योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, एक योजना प्रस्तावित है। जल निगम की गुणावद नल जल योजना से 15 गांवों में जलापूर्ति की जाएगी, गुणावद योजना में अधिकांश कार्य पूर्ण किया जा चुका है, मात्र पानी की टंकी का कार्य बचा है बाकी टेस्टिंग प्रारंभ कर दी गई है। टेस्टिंग कार्य डायरेक्ट पंपिंग से किया जा रहा है, रेस्टोरेशन कार्य भी पूर्ण किया जा चुका है। 90 प्रतिशत घरों में पानी पहुंच रहा है, शेष घरों में पाइप लाइन डैमेज के कारण पानी नहीं पहुंचने की समस्या परिलक्षित हुई है जिसका सुधार शीघ्र किया जा रहा है।
जल निगम द्वारा गांधी सागर डैम से आलोट विकासखंड के 191 गांवों में पानी पहुंचाने के लिए योजना प्रारम्भ की जा चुकी है, जो दिसंबर 2024 में पूर्ण हो जाएगी। इसके अलावा जल निगम द्वारा माही नदी से सैलाना, बाजना के ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति की योजना तैयार की जा रही है, डीपीआर पर कार्य किया जा रहा है। बैठक में जनप्रतिनिधियों की मांग एवं सुझाव पर कलेक्टर द्वारा जल निगम के इंजीनियर को माही योजना से जिले के धामनोद, सैलाना, नामली तथा जावरा शहरों में भी जल आपूर्ति की जाने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। इसके लिए संबंधित नगर परिषद और नगर पालिका अधिकारियों द्वारा जल निगम को पत्र प्रेषित किए जाएंगे।
कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने बैठक में निर्देश दिए कि पेयजल परिवहन के लिए किसी भी स्थिति में किराए के टैंकर नहीं लिए जाएंगे। स्थानीय निकायों के पास उपलब्ध टैंकरों के अलावा खनिजों के अवैध उत्खनन परिवहन में राजसात किए गए ट्रैक्टर भी उपलब्ध कराए जाएंगे। ग्रीष्म की विकट स्थिति में जिन ट्यूबवेल्स को अधिग्रहित किया जाना है उनकी सूची अधिकारियों द्वारा तैयार कर ली जाए। जानकारी 5 दिवस में प्रस्तुत करें। पेयजल परिवहन में नगरीय निकायों के पास उपलब्ध टैंकर चालू हालत में हो, उनकी आवश्यक दुरुस्ती करवा ली जाए। नगरीय निकायों को प्राप्त 15 वे वित्त आयोग की राशि सिर्फ पेयजल पर ही खर्च की जाएगी अन्य कार्यों पर नहीं।
कलेक्टर ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि ग्रीष्मकाल के दौरान अपने क्षेत्र में पेयजल उपलब्धता पर नजर रखें, समीक्षा करते रहें। जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अपने क्षेत्र में पेयजल की स्थिति से जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा अपने एसडीएम को सतत रूप से अवगत कराते रहेंगे। अधिकारी अपने क्षेत्र में जनसंख्या आधारित पेयजल आपूर्ति कार्य योजना तैयार करें।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग श्री रजनीश सिन्हा, परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण श्री अरुण पाठक, जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री निर्देशक शर्मा, जनपद पंचायत आलोट के सीईओ श्री आर.के. वाक्तरिया, बाजना, पिपलोदा जनपद की सीईओ सुश्री अल्फिया खान, रतलाम जनपद पंचायत के सीईओ श्री रामपाल सिंह करजरे, सैलाना जनपद पंचायत के सीईओ श्री गोवर्धन मालवीय भी उपस्थित थे।