कृष्ण जन्माष्टमी पर दशकों बाद हो रहा इन 4 शुभ संयोग का निर्माण, व्रती को दोगुना फल की होगी प्राप्ती ( डॉ. अशोक शास्त्रीय )
धार
कृष्ण जन्माष्टमी पर दशकों बाद हो रहा इन 4 शुभ संयोग का निर्माण, व्रती को दोगुना फल की होगी प्राप्ती ( डॉ. अशोक शास्त्रीय )
( जन्माष्टमी का पर्व स्मार्त 26 को , वहीं वैष्णव 27 को मनाएँगे )
धार , इस बार की कृष्ण जन्माष्टमी काफी ज्यादा शुभ मानी जा रही है। इस दिन दशकों बाद 4 शुभ संयोगों का निर्माण हो रहा है। इस दौरान जातकों को दोगुना फल प्राप्त होगा।
इस संदर्भ में मालवा के प्रसिद्ध ज्योतिष गुरु डॉ. अशोक शास्त्री ने बताया की हिन्दु धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। इसे लड्डू गोपाल के भक्त भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। यह भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। जब भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इस खास मौके पर मंदिरों को तरीके से सजाया जाता है और शुभ मुहूर्त पर उनकी विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। भक्त इस दिन दिन भर व्रत रखते हैं और उनकी भक्ति में लीन होकर पूजा-पाठ करते हैं। वहीं, इस बार की कृष्ण जन्माष्टमी काफी ज्यादा शुभ मानी जा रही है। इस दिन दशकों बाद 4 शुभ संयोगों का निर्माण हो रहा है। इस दौरान जातकों को दोगुना फल प्राप्त होगा।
डॉ. अशोक शास्त्री के मुताबिक , इस साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 26 अगस्त को रात्रि 07:39 पर शुरू होगी। इसका समापन अगले दिन यानी 27 अगस्त को प्रातःकाल 06:36 पर होगा।
वहीं, पूजा का शुभ समय 27 अगस्त को देर रात 12:01 से लेकर 12:45 तक है। इस दौरान भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करने पर जातकों की हर मनोकामना पूर्ण होगी। वहीं वैष्णव संप्रदाय को मानने वाले अनुयायी 27 को जन्माष्टमी मनाएँगे ।
डॉ. शास्त्री ने बताया की इस बार कृष्ण जन्माष्टमी के दिन खास संयोग बन रहे हैं। दरअसल, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कृतिका नक्षत्र का संयोग दोपहर 03:56 बजे से हो रहा है। साथ ही, हर्षण योग का निर्माण भी हो रहा है। जिसकी शुरुआत रात 10:18 पर होगी। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, यह जीवन में हर्ष और उल्लास वाला योग माना जाता है।
वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग संध्याकाल 3:55 पर होगा। जिसका समापन 27 अगस्त सुबह 5:57 पर होगा। बता दें कि इस योग को जीवन में तरक्की और सफलता का योग माना जाता है। इसके अलावा, शिववास योग बनने से यह दिन और भी अधिक खास हो जाएगा। इस योग में पूजा करने पर जातकों के पारिवारिक जीवन में खुशियों की बौछार होगी। स्वयं महादेव और माता पार्वती की कृपा बरसेगी।