कलेक्टर ने कुम्हारी में लम्पी बीमारी से ग्रसित पशुओं का निरीक्षण किया
कलेक्टर डा गिरीश कुमार मिश्रा ने आज 18 अप्रैल को पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ ग्राम कुम्हारी का भ्रमण कर लम्पी स्कीन डीसीज बीमारी से ग्रसित पशुओं का जायजा लिया और पशुपालकों से इस संबंध में चर्चा की। इस दौरान संयुक्त संचालक पशु चिकित्साल सेवायें जबलपुर डॉ विनोद वाजपेयी, उप संचालक बालाघाट डॉ पी के अतुलकर, डॉ पी के सोलंकी, डॉ आर एस नगपुरे भी उपस्थित थे।
ग्राम कुम्हारी में महेश नगपुरे, भेदू लोहार मेश्राम, हुकुमचंद गराड़े एवं प्रेमलाल दशहरे के लम्पी बीमारी से ग्रसित पशुओं का निरीक्षण किया गया। इस दौरान बताया गया कि ग्राम कुम्हारी में लगभग 40 पशुओं में लम्पी बीमारी के लक्षण देखे गये हैं। पशुपालकों को बताया गया कि पशुओं में इस बीमारी के लक्षण पाये जाने पर घबरायें नहीं। लम्पी बीमारी के लक्षण पाये जाने पर ग्रसित पशु को अन्य पशुओं से अलग रखें और उसे दूसरे पशुओं के सम्पर्क में ना आने दें। बीमारी से ग्रसित पशु को नीम के पानी एवं लाल दवा(पोटाश या पोटेशियम परमैंगनेट) से हर दिन नहलायें। पशु पर मक्खियां ना बैठने दें। मक्खियों के बैठने से यह बीमारी दूसरे पशुओं में फैल सकती है। पशुपालक पशुओं को मक्खियों से बचाने के लिए उनके बांधने के स्थालन पर नीम का धुआं करें। पशु चिकित्स क से सम्प र्क कर दवायें लें। पशुओं को अच्छा आहार दें, जिससे उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छीे रहे।
कलेक्ट र डॉ मिश्रा ने इस दौरान पशुपालकों एवं चिकित्सकों से कहा कि वे पशुओं को लम्पीा बीमारी से बचाने के लिए तालाब आदि पर पानी पिलाने ना ले जायें और सार्वजनिक स्थयलों पर चरने आदि के लिए ना छोड़े। पशुओं के इस संक्रामक रोग पर नियंत्रण के लिए सम्पू।र्ण बालाघाट जिले में पशु मेला, पशु हाट-बाजार, एवं पशु प्रदर्शनी का आयोजन प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ ही सम्पू्र्ण बालाघाट जिले में पशुओं के परिवहन, अन्यस राज्यों व जिलों से बालाघाट जिले की सीमा में पशुओं के प्रवेश, पशु पालकों द्वारा पशुओं को लावारिस जंगल या सार्वजनिक स्थपलों पर चरने के लिए छोड़ने एवं सार्वजनिक जलाशयों में पानी पीने के लिए छोड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।