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विधानसभा क्षेत्र का सबसे बड़ा गांव दसई लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर धब्बा

 

डॉक्टरों के अनुपस्थिति के कारण कई मौतें हो चुकी है और कितनी मौतों का इंतजार कर रहा है प्रशासन

 

क्षेत्र में मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है जबकि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते तहसील के सरकारी अस्पताल की सेहत बिगड़ी हुई है जहां बड़ी बीमारियों से लड़ना तो दूर मौसमी बीमारियों का भी रोकथाम के लिए इंतजाम नहीं कर पा रहा प्रशासन
विनय उजाला राज एक्सप्रेस की पड़ताल में दसाई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 2 डॉक्टर नियुक्त है जिसमें एक महिला और पुरुष है लेकिन यहां डॉक्टर नरेंद्र मिश्रा छुट्टी के लिए गए हुए थे लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि जो महिला डॉक्टर है वह समय पर हॉस्पिटल नहीं आ रहे हैं ग्रामीणों की शिकायत के बाद आज दसई के पत्रकारों की टीम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 11:00 बजे पहुंची लेकिन वह नहीं तो डॉक्टर वह कुछ स्टाफ के लोग मौजूद थे लेकिन पूरा स्टाफ भी मौजूद नहीं था जब स्टाफ व डॉक्टर को पत्रकारों की पहुंचने की सूचना मिली तो स्टाफ के लोग हॉस्पिटल पहुंचे जब हॉस्पिटल को देखा जाए तो कई कमियां मिली जिसके बाद मेडिसिन इंजेक्शन चेक किए गए तो इंजेक्शन मेडिसिन एक्सपायरी पाई गई जिसकी जानकारी के लिए डॉ शीला मुजाल्दा से चर्चा करनी चाहिए तो उन्होंने फोन उठाना भी उचित नहीं समझा
प्रशासन और कई मूलभूत सुविधाओं की कमी है ऐसे में गंभीर बीमारियों को निजी अस्पतालों में उपचार करना पड़ रहा है जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की यह हालत है तो उप स्वास्थ्य केंद्र की क्या हालत होगी यह तो प्रशासन ही जाने हम आपको बता दें कि बुधवार को क्षेत्र में से डिलीवरी के लिए 108 एंबुलेंस महिला को लेकर आई थी लेकिन डॉक्टर की उपस्थिति नहीं होने के कारण महिला को धार रेफर किया गया दसई नगर सरदारपुर विधानसभा का सबसे बडा गाँव है जो स्वास्थ्य विभाग की सुविधा के नाम पर धब्बा है नगर की लगभग 13 हजार की जनसंख्या व आस-पास के करीब 40 गांव की हजारों जनसंख्या इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर है होने के बावजूद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मे एक डॉक्टर छुट्टी पर जाने के बाद दूसरे डॉक्टर की सुविधा नहीं मिल पाती है ग्रामीणों को, बड़ा क्षेत्र होने के बावजूद भी एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है प्रशासन इस प्रशासन की लापरवाही से कहीं जान जा चुकी होगी जिसका अंदाजा ना तो प्रशासन लगा सकता है और ना ही ग्रामीण जन और कितनी मोतो का इंतजार कर रहा है प्रशासन
पहले ऐसे कई हादसे हो चुके हैं
जिनमें ऑक्सीजन व डॉक्टर का इलाज नहीं मिलने से मोते हो गई है प्रशासन आज अगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर व ऑक्सीजन की व्यवस्था होती तो हो सकता था आज कई लोगों की जानें बच सकती थी आक्सीजन व्यवस्था भी नही होने के कारण व प्राथमिक उपचार नही मिलने के कारण क्षेत्र मे आये दिन ऐसे हादसे से कई लोगो को जान से हाथ धोना पडता है ,उपरोक्त शिकायत कई बार संबंधित अधिकारी व विभाग से कई बार सूचित कर चुके है। लेकिन प्रशासन है जो देखे को भी अनदेखा कर रहा है प्रशाशनिक अधिकारी की लापरवाही से हुई मौत
म.प्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा स्वास्थ्य संबंधित ढेर सारी योजनाए लागु की गई ,परन्तु धरातल पर आम लोगो से सुविधाऐ कही नजर नही आ रही है,जिला मुख्यालय से 40कि.मी.दुर होने के कारण शासन-प्रशासन के नुमाइंदे दसई नगर के स्वास्थ्य पर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सालों से असुविधाओं को भोग रहा है मरीजों को बाजार से दवाईयां खरीदना पड़ रही है जबकि प्रशासन द्वारा विभिन्न प्रकार की दवाईयां निशुल्क वितरण किया जाता है मूलभूत सुविधाओं के मामले में अस्पताल की हालत खस्ता है चिकित्सको वह सुविधाओं की कमी के चलते यहां पहुंचने वाले मरीजों व उनके परिजनों को परेशान होना पड़ता है आकस्मिक मामले में कई बार स्थिति बिगड़ जाती है इस कारण मरीजो घायलों के परिजनों को असुविधा का सामना करना पड़ता है

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