मात्र दो माह में अच्छी खासी अंग्रेजी बोलना सीख जाते हैं बच्चे
हमारे देश में कुछ वर्ष पहले हर एक स्कूल में हिंदी माध्यम में पढ़ाई हुआ करती थी
वैसे तो हमारे देश की मातृभाषा हिंदी है लेकिन पूरे भारत देश में दिन ब दिन अंग्रेजी भाषा का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है और यदि हम अंग्रेजी भाषा का ज्ञान प्राप्त नहीं करते हैं या यू कहे कि अगर अंग्रेजी भाषा को न सीखी जाए तो हमारे बच्चों के लिए हमारे देश में आने वाली भविष्य की प्रतिस्पर्धाओ के दौर में टिक पाना संभव ही नहीं हो सकेगा।
हमारे देश में कुछ वर्ष पहले हर एक स्कूल में हिंदी माध्यम में पढ़ाई हुआ करती थी
लेकिन आज युग बदल गया है जिधर देखो उधर नए-नए कन्वेंट स्कूल खुल गए हैं उन सभी स्कूलों में छोटे से छोटे अभिभावकों के बच्चे भी अंग्रेजी माध्यम में पढ़ रहे हैं।
अब नाम मात्र के स्कूल हिंदी माध्यम के स्कूल रह गए हैं
और हर कोई चाहता है कि हमारे बच्चे अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा ग्रहण करें ताकि आने वाली प्रतिस्पर्धा के दौर में पीछे ना रह सके
इसलिए हर एक माता पिता अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के निजी स्कूलों में पढ़ा रहे।
अंग्रेजी माध्यम में बच्चों को पढ़ाना बहुत अच्छी बात है लेकिन इसके लिए सबसे पहले बच्चों को अंग्रेजी लिखना पढ़ना और बोलना आना अत्यंत आवश्यक है वरना हमारे बच्चे अंग्रेजी माध्यम में अच्छा नहीं कर सकेंगे और फिर पीछे रह जाएंगे।
बच्चों को अंग्रेजी लिखना पढ़ना और बोलने के लिए माहौल का होना अत्यंत आवश्यक है ताकि वे अच्छे से अंग्रेजी बोल सकें समझ सके।
हम जानते हैं कि हमारे देश की मातृभाषा हिंदी है और हर एक घर में हिंदी ही बोली जाती हैं इसलिए हमारे बच्चे हिंदी बोलना जल्द सिख जाते हैं मगर अंग्रेजी बोलना नहीं सीख पाते हैं।
इसलिए बच्चे अंग्रेजी भाषा में बात करने में हिचकते हैं संकोच करते हैं कि कहीं कोई गलती ना हो जाए कहीं गलत ना बोला जाए
मध्य प्रदेश के धार जिले में टीसीएल स्पोकन इंग्लिश एक ऐसी संस्था है जहां पर गर्मी की छुट्टियों में दूरदराज से आने वाले बच्चों के लिए सानिध्य क्लास लगाई जाती है।
टीसीएल स्पोकन इंग्लिश की सानिध्य क्लास में छात्र-छात्राएं सुबह से लेकर शाम तक अंग्रेजी माध्यम में अंग्रेजी के वातावरण में रहते हैं और अंग्रेजी बोलना सीखते हैं।
अगर आपको यकीन ना हो तो आप भी देखिए इन छात्रों का परफॉर्मेंस महज 60 दिनों में ये छात्र अच्छी खासी अंग्रेजी बोलना सीखे हैं
टीसीएल स्पोकन इंग्लिश विगत 20 वर्षों से धार में संचालित हो रही है जहां पर बच्चो को खान पान और रहन सहन की उत्तम व्यवस्था के साथ, शांत वातावरण में आधुनिक पद्धति से बच्चों को खेल खेल में लिखना पढ़ना बोलना और समझना सिखाया जाता है।
गर्मी की छुट्टी लगते ही कई छात्र-छात्राएं छुट्टी बिताने के लिए अपने मामा, मौसी, बुआ या रिश्तेदारों के घर चले जाते हैं और छुट्टि के महत्वपूर्ण समय को बर्बाद कर देते हैं लेकिन कुछ माता पिता और बच्चे समझदार भी होते हैं जो गर्मी की छुट्टियों का सदुपयोग करते हैं अपने बच्चे जिन विषयों में कमजोर होते हैं उन्हें वे कोचिंग संस्थाओं में भेजकर उन्हें अच्छा बनाने के लिए प्रयास करते हैं।
ताकि भविष्य की प्रतिभा स्पर्धाओं के दौर में बच्चे पीछे ना रह सके
ग्लोबल इंडिया टीवी के लिए ब्यूरो रिपोर्ट