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महात्मा ज्योतिवा राव फुले सामाजिक उत्थान के लिए अनेक कार्य कियेः-विधायक सिंगरौली
सिंगरौली
महात्मा ज्योतिवा राव फुले सामाजिक उत्थान के लिए अनेक कार्य कियेः-विधायक सिंगरौली
सिंगरौली / माहत्मा ज्योतिवा राव फुले ने सामाजिक उत्थान के लिए अनेक कार्य किये है उन्होने महिलाओ और अछूतो के उत्थान के साथ साथ सामाज के सभी वर्गो को शिक्षा प्रदान करने के प्रबल समर्थक थे। उक्त आशय का उद्बोधन अटल सामुदायिक भवन बिलौजी में आयोजित महात्मा ज्योतिवाराव फुले जी के जयंती समारोह के अवसर पर सिंगरौली विधानसभा के विधायक श्री राम लल्लू बैस के द्वारा दिया गया। विदित हो कि अटल सामुदायिक भवन बिलौजी में महात्मा ज्योतिवा राव फुले की जयंती समारोह का आयोजन सिंगरौली विधानसभा के विधायक श्री राम लल्लू बैस के मुख्य अतिथि एवं नगर निगम अध्यक्ष श्री देवेश पाण्डेय के अध्यक्षता तथा कलेक्टर श्री अरूण परमार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेन्द्र सिंह नागेश के गरिमामय उपस्थिति में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम का सुभारंभ दीप प्रज्जवलन कर महात्मा ज्येतिवा राव फुले के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर किया गया। उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुये विधायक श्री बैस ने कहा कि ज्योतिवा राव जी सामाज में प्रचलित जाति पर आधारित विभाजन एवं भेदभाव के विरूद्ध थे इनका मूल उद्देश्य स्त्रियो को शिक्षा का अधिकार प्रदान करना बाल विवाह का विरोध, विधवा विवाह का समर्थन करना रहा है। सामाज की कुप्रथा अंधविश्वास की जाल से समाज को मुक्त करना चाहते थे। वही कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नगर निगम अध्यक्ष श्री देवेश पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि महात्मा ज्योतिवा राव फुले जी अपना सम्पूर्ण जीवन स्त्रियो को शिक्षा प्रदान करने उनके अधिकारो के प्रति जागरूक करने में व्यातित किया। 19वी सदी में स्त्रियो की शिक्षा नही दी जाती थी फुले महिलाओ को स्त्री पुरूष भेदभाव से बचाना चाहते थे। उन्होने कन्याओ के लिए भारत देश की पहली पाठशाला पुणे में बनाई थी। उन्होने दृढ़ निश्चय किया कि वे समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाकर ही रहेगे। उन्होने अपनी धर्मपत्नी सावित्री बाई फुले को स्वंय शिक्षा प्रदान की। एवं भारत की प्रथम महिला अध्यापिक बनाने में सफल हुये।
कलेक्टर श्री परमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि महात्म ज्योतिबा फुले का जन्म 1827 मे पुणे मे हुआ था। एक वर्ष की अवस्था में ही इनके माता पिता का निधन हो गया। इनका लालन पालन एक बाई ने किया महात्म फुले ने सामाजिक उत्थान के साथ साथ सामाज के सभी वर्गो को शिक्षा प्रदान करने के प्रबल समर्थक थें। उन्होने विधावाओ और महिलाओ के कल्याण के लिए अनेक कार्य किये। साथ ही किसानो की हालत सुधारने और उनके कल्याण के लिए भी काफी प्रयास किया। स्त्रियो की दशा सुधारने और उनकी शिक्षा के लिए 1884 मे एक स्कूल खोला यह इस काम के लिए देश में पहला विद्यालय था। लड़कियो को पढ़ाने के लिए अध्यपिका नही मिली तो उन्होने कुछ दिन स्वंय यह काम करके अपनी पत्नी सावित्री फुले को इस योग्य बना दिया। निर्धन तथा निर्बल वर्ग को न्याय दिलाने के लिए ज्योतिवा ने सत्यशोधक सामाज की 1873 में स्थापित किया। वही जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा भी अपने उद्बोधन में महात्म ज्योतिवा राव फुले के विचार के संबंध में उपस्थित जन समूह को अवगत कराया गया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर डी.पी बर्मन, एसडीएम ऋषि पवार, संयुक्त कलेक्टर राजेश शुक्ला, आयुक्त नगर निगम पवन कुमार सिंह, पार्षद श्रीमती सीमा जयसवाल, आशीष बैस, कमलेश बर्मा, खुर्शीद आलम, परमेश्वर पटेल, राम गोपाल पाल, अनिल बैस सहित जिलाधिकारी गण कर्मचारी गण उपस्थित रहे।