मध्य प्रदेश राज्य का पहला किसान सम्मेलन
किसान विरोधी नीतियों एवं बिजली के निजीकरण करने वाले बिजली संशोधन बिल 2022 के खिलाफ एवं नारायणपुरा शक्कर कारखाने को पुनः चालू करने की मांग पर हुआ एआईकेकेएमएस का राज्य सम्मेलन
गुना:- स्थानीय अग्रवाल धर्मशाला गुना में तमाम किसान विरोधी नीतियों एवं किसान की प्रत्येक उपज पर एमएसपी की कानूनी गारंटी और तमाम उपज की सरकारी खरीद को सुनिश्चित करने जैसी मांगों को लेकर एआई केकेएमएस (ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन) का प्रथम राज्य सम्मेलन संपन्न हुआ।
इस सम्मेलन में गुना सहित अशोकनगर, देवास, ग्वालियर सागर, इंदौर, भोपाल, रायसेन शिवपुरी आदि जिलों के किसानों ने भाग लिया एवं सरकारों की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ चर्चा की।
किसान सम्मेलन में शहीद किसानों को श्रद्धांजलि दी गई। उसके बाद मध्य प्रदेश राज्य की राजनीतिक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई तथा एक प्रस्ताव नारायणपुरा शक्कर कारखाने को पुनः चालू करने एवं उसमें कर्मचारियों और किसानों के लंबित भुगतान के संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया गया।
इस दौरान अलग-अलग जिलों से आए प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किए। सम्मेलन में उद्घाटन भाषण एआई केकेएमएस के मनीष श्रीवास्तव ने दिया। उसके बाद उत्तर प्रदेश से आए किसान नेता शैलेंद्र कुमार ने अपनी बात रखी।
वहीं एआई केकेएमएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यवान ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि “आज सरकारें पूंजीपति परस्त नीतियां अपनाते हुए कृषि को देसी विदेशी कंपनियों के हवाले कर रही हैं। आज खाद बीज कीटनाशक बिजली डीजल सभी लागत सामग्री के दाम कम्पनियां तय कर रही हैं और किसान की उपज के दाम भी कम्पनियां ही तय कर रहीं हैं ऎसे में कम्पनियों से घिरे किसान का खेती से जीवन यापन करना भी मुश्किल हो रहा है।
प्रतिनिधि अधिवेशन को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के राष्ट्रीय महासचिव शंकर घोष ने कहा की “सरकार बिजली का पूरी तरह निजीकरण करने का प्रयास कर रही है बिजली संशोधन बिल 2022 के तहत किसानों और गरीबों को महंगी बिजली मिलेगी बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म कर दी जाएगी प्रीपेड मोबाइल रिचार्ज की तर्ज पर घरेलू मीटरों को प्रीपेड कर दिया जाएगा किसानों को 5 हॉर्स पावर की मोटर के लिए हजारों रुपए देना होगा इसलिए समय रहते इनके खिलाफ पूरे प्रदेश में जोरदार आंदोलन की जरूरत है। किसानों को इन मांगों के साथ साथ ग्रामीण जीवन में व्याप्त अव्यवस्थाओं के खिलाफ भी संघर्ष करना होगा।और समाज में मूलभूत बदलाव लाने के लिए भी संघर्ष करना होगा।”
सम्मेलन को एसयूसीआई (सी) के राज्य कमेटी सदस्य प्रदीप आर बी ने भी संबोधित किया।
सम्मेलन के दौरान एक राज्य कमेटी का गठन किया गया।
जिसमें उमाप्रसाद विश्वास को अध्यक्ष व मनीष श्रीवास्तव को राज्य सचिव बनाते हुये सोनू शर्मा, सुरेंद्र कुमार,मोहनसिंह यादव,मंजीत पटेल को उपाध्यक्ष व सचिव मंडल में नरेन्द्र जायसवाल, उम्मेदसिंह,कृष्णा बैरागी, रायसिंह, नीलेश बैरागी और महेंद्र नायक को कार्यालय सचिव बनाया गया।
साथ ही इस अवसर पर गुना जिला कमेटी भी बनाई गई जिसमें
उमेदसिंह जिला अध्यक्ष
महेंद्र नायक जिला सचिव
गोपाल नायक जिला उपाध्यक्ष
नीलेश बैरागी कार्यालय सचिव एवं
हकीम खान, भास्कर रघुवंशी, अमरसिंह ,भूरेलाल, चंद्रमोहन को सचिवमंडल सदस्य चुना गया।
कार्यक्रम के अंत में तमाम जन विरोधी नीतियों के खिलाफ गांव गांव में संघर्ष कमेटी बनाते हुए पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के खिलाफ किसानों के संघर्ष को तेज करने की अपील की गयी।
जारीकर्ता-
महेंद्र नायक (कार्यालय सचिव)