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मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने का क्या है राज???

मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने सभी को चौंका दिया

मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने का क्या है राज???

मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने सभी को चौंका दिया

यह भाजपा का अचानक फैसला नहीं था। इसकी पटकथा 6 दिसंबर को ही लिखी जा चुकी थी सिर्फ इस पर मुहर लगना बाकी थी।
हालांकि इसकी भनक मध्य प्रदेश के किसी भी दिग्गज नेताओं को नहीं थी।

यादव को मुख्यमंत्री बनाने के पीछे 6 दिसंबर को ही स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी थी उसी के मुताबिक यादव को दिल्ली से लगभग 9:00 बजे कॉल आया और उन्हें भोपाल से दिल्ली जाना पड़ा।

दिल्ली में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बंगले पर उनकी करीब 15 मिनट मुलाकात हुई।

इस दौरान वहां केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव भी मौजूद थे। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने डॉक्टर मोहन यादव की रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को दी
इसके बाद तीन दौर की बैठक में मुख्यमंत्री पद के लिए मोहन यादव का नाम तय किया गया

हमारे विश्वसनीय सूत्र ने बताया कि मोहन यादव भोपाल से उज्जैन के लिए 6 दिसंबर को जा रहे थे तभी बीच रास्ते में रात 9 बजे आष्टा के करीब दिल्ली से उनके पास फोन आया और वे वहा से पुनः भोपाल पहुंचे। भोपाल से फ्लाइट पकड़कर दिल्ली पहुंचे।

जहां उनकी भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बंगले पर 15 मिनट मुलाकात हुई और वहां से मुख्यमंत्री के लिए उनका नाम तय हो गया ।
मोहन यादव 7 दिसंबर को पुनः भोपाल लौट आए।

11 दिसंबर सोमवार को 4:11 पर भाजपा विधायक दल की बैठक हुई जिसमें 15 मिनट में ही नए मुख्यमंत्री का नाम तय कर लिया गया।
कर्नाटक मुख्यमंत्री खट्टर ने 6 मिनट के भाषण में कह दिया कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है आलाकमान का को भी आदेश हो उसे सभी को स्वीकार करना होगा।

विधायक दल की बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव रखा जिसका समर्थन नरेंद्र सिंह तोमर ने कर दिया। तो वही सभी विधायकों ने मोहन यादव के नाम पर थपा ठप मुहर लगा दी और मोहन यादव मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बन गए ।

मोहन यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पैर छूकर आशीर्वाद लिया।

मध्य प्रदेश में नए मुख्यमंत्री के रूप में मोहन यादव का नाम चयनित होने पर सियासी गलियारों में चल रही सभी अटकलों पर विराम लग गया और प्रहलाद सिंह पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर हो गए और प्रदेश में नए चेहरे के रूप में मोहन यादव का नाम सोशल मीडिया में काफी सुर्खियां बटोर रहा है।

मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने के पीछे बड़ा का राज यह है कि मोहन ओबीसी का सबसे बड़ा चेहरा है। जिसका लाभ भाजपा को लोक सभा चुनाव में मिल सकता है। तो वही मोहन संघ के भी करीबी है। मोहन यादव संघ के भी प्रिय थे। संघ से उनका नाम आलाकमान के पास गया था। जिस पर गृहमंत्री अमित शाह ने मोहर लगा दी। संघ का आशीर्वाद और भाजपा आलाकमान के आदेश को शिवराज सिंह चौहान को भेज दिया गया और कहा गया कि विधायक दल की बैठक में आपको नए मुख्यमंत्री पद के लिए मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव रखना है। शिवराज सिंह चौहान समझ गए थे कि अब उनका सीएम पद पर बने रहना मुश्किल है इसलिए उन्होंने मध्य प्रदेश की जनता को पहले ही राम-राम कह दिया था और उन्होंने विधायक दल की बैठक में वही किया जो उन्हें आदेश दिया गया था अंततः मोहन यादव मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बन ही गए।

मोहन के नाम पर मुख्यमंत्री की मोहर लगने के बाद सीएम पद की दौड़ में नरेंद्र सिंह तोमर प्रहलाद सिंह पटेल कैलाश विजयवर्गीय ज्योतिरादित सिंधिया बाहर हो गए। और
देश, प्रदेश की जनता देखती रह गई। मोदी के इस फैसले ने सबको चौका दिया जो किसी को कभी भरोसा ही नहीं था वह मोदी ने कर दिया।

ग्लोबल इंडिया टीवी के लिए भोपाल से अमर वर्मा की यह खास रिपोर्ट।

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