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बदनावर उज्जैन फोरलेन का निर्माण कार्य तेजी से चलने के कारण निर्धारित समय से पहले शुरू हो जाएगा मार्ग, दो फ्लाय ओवर, 12 मेजर पुल व अंडरपास बनेंगे,
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बदनावर उज्जैन फोरलेन का निर्माण कार्य तेजी से चलने के कारण निर्धारित समय से पहले शुरू हो जाएगा मार्ग,
दो फ्लाय ओवर, 12 मेजर पुल व अंडरपास बनेंगे,
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आमतौर पर अधिकांश सरकारी काम कभी समय पर पूरे नहीं होते हैं। कई काम तो दो से तीन गुना समय बीतने के बाद भी अधूरे रह जाते हैं और उनकी गुणवत्ता भी स्तरीय नहीं रहती है, लेकिन इस मामले में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय अपवाद साबित हो रहा है। ऐसा ही एक कार्य बदनावर से उज्जैन तक बनने वाला 69.1 किमी फोरलेन मार्ग है।
वैसे तो इसके पूर्ण होने की समय सीमा अक्टूबर 2024 है, लेकिन विभागीय अधिकारियों का दावा है इसे मई-जून 2024 में ही पूर्ण कर लिया जाएगा। मार्ग का निर्माण भी आधुनिक और उन्नत तकनीक से हो रहा है, क्योंकि यह मार्ग महाकाल लोक उज्जैन जाने का एक प्रमुख मार्ग है।
उद्योगों को मिलेगा दोहरा लाभ,
पश्चिमी मप्र सहित गुजरात और पश्चिमी राजस्थान के तीर्थ यात्री इसी मार्ग से उज्जैन जाते हैं। अभी यह मार्ग बदनावर तक ही फोरलेन में तब्दील हो रहा है। गुजरात की ओर से यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए इसे बदनावर से थांदला तक भी फोरलेन में तब्दील करने की आवश्यकता है। इससे परिवहन के साथ ही पश्चिमी बदनावर क्षेत्र में स्थापित हो रहे उद्योगों को दोहरा लाभ मिलगा। उज्जैन-बदनावर से बदनावर तक 69.1 किमी यह मार्ग पहले स्टेट हाईवे-18 मार्ग था। वाहनों की बढ़ती संख्या के बाद इसे नेशनल हाईवे नेशनल हाईवे (एच-752डी) का दर्जा दिया गया था। यदि यह थांदला तक फोरलेन बन जाता है तो इसका नेशनल होना सार्थक हो जाएगा।
दो फ्लाय ओवर, 12 मेजर पुल व अंडरपास बनेंगे,
भविष्य के परिवहन को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्येक लेन की चौड़ाई नौ मीटर रखी जा रही है। मार्ग पर दो फ्लाय ओवर में से एक लेबड़-नयागांव फोरलेन पर यहां बड़ी चौपाटी के पास बनेगा। उज्जैन और बड़नगर रेल मार्ग होने से यातायात अवरुद्ध न हो, इसलिए रेलवे ओवर ब्रिज बनाए जाएंगे। पूरे मार्ग पर 12 मेजर पुल बनेंगे। इनमें मार्ग पर आने वाली चामला, गंभीर, चंबल, बलवंती आदि नदियों के पास छोटे वाहनों के लिए अंडरपास दिए जाएंगे। जल निकासी के लिए नालियां और करीब 180 बाक्स कल्वर्ट बनाए जाएंगे।सुरक्षा के लिए सेफ्टी बैरियर रहेंगे। मार्ग का निर्माण राजस्थान की जीआर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी द्वारा किया जा रहा है। निर्माण के बाद 15 साल तक संधारण की गारंटी कंपनी की रहेगी।
पूरे मार्ग पर केवल बड़नगर के आगे खरसौद खुर्द में टोल प्लाजा बनेगा। इससे बदनावर से बड़नगर प्रतिदिन अपडाउन करने वालों को टोल नहीं चुकाना पड़ेगा। कंपनी काम को अपने निर्धारित समय से पहले पूरा कर लेगी, इसके लिए पूरजोर प्रयास किए जा रहे हैं। इस मार्ग के पूर्ण होने के बाद दक्षिणी राजस्थान, उत्तर प्रदेश व पूर्वी मध्य प्रदेश से गुजरात की तरह जाने वाला यातायात सुगम हो जाएगा। अभी इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरात जाते हैं। इसके निर्माण के बाद करीब 50 किमी की दूरी कम तय कर उज्जैन से बदनावर होते हुए या तो राजगढ़ में इंदौर अहमदाबाद मार्ग पकड़ सकेंगे या व्हाया पेटलावद और थांदला होकर जाएंगे तो दूरी और भी कम हो जाएगी। इसलिए इसको बदनावर से थांदला तक भी फोरलेन में तब्दील किए जाने की नितांत आवश्यकता है, क्योंकि थांदला के पास भी दिल्ली-मुंबई एट लेन से भी कनेक्टिविटी हो जाएगी। पश्चिमी बदनावर में छायन, दोत्रिया, तिलगारा, भैंसोला में औद्योगिक इकाइयां स्थापित हो रही हैं। भैसोला में तो करीब सात हजार करोड़ के निवेश से पीएम मित्र मेघा टेक्सटाइल पार्क बनने जा रहा है।
इसमें निर्माण से लेकर निर्यात तक यहीं से होगा, इससे भी यातायात का दबाव बढ़ेगा।पार्क में 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, इस कारण यातायात का दबाव बढ़ना तय है। महाकाल लोक निर्माण के बाद भी करीब 40 प्रतिशत यातायात में वृद्धि हो गई है। साथ ही साल 2028 में सिंहस्थ महाकुंभ के अवसर पर भी यह मार्ग अतिमहत्वूर्ण साबित होगा।