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टीबी मरीजों के इलाज के लिए नि:क्षय आईडी बनाई जाए , कलेक्टर श्री लवानिया की अध्यक्षता में बैठक संपन्न
भोपाल
टीबी मरीजों के इलाज के लिए नि:क्षय आईडी बनाई जाए
कलेक्टर श्री लवानिया की अध्यक्षता में बैठक संपन्न
जिले में टीबी उन्मूलन के लिए टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई। बैठक में कलेक्टर श्री अविनाश ने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए पायलट प्रोजेक्ट की तरह काम किया जाए और टीबी के मरीजों की पहचान कर उनकों जागरूक किया जाए जिससे टीबी की जांच और उसका इलाज निरंतर होता रहें। नि:क्षय पोटर्ल पर टीबी मरीजों का अनिवार्य रूप से पंजीयन कराया जाना सुनिश्चित करें।
टीबी के उन्मूलन के लिए निजी चिकित्सकों की बैठक का आयोजन गुरूवार को किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर भोपाल श्री अविनाश लवानिया ने कहा कि निजी चिकित्सकों को नि-क्षय आई.डी. बनाना जरूरी है। नि-क्षय आईडी ना बनाने पर संबंधित चिकित्सक को नोटिस जारी किया जावे। टीबी का इलाज कर रहे चिकित्सकों द्वारा नोटिफिकेशन नहीं करने पर उनके विरूद्ध धारा 269 एवं 270 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि टीबी के मरीज़ों के साथ रह रहे परिजनों में संक्रमण होने की संभावना दस प्रतिशत तक रहती है। इसलिए लेटेण्ट टीबी को नज़रअंदाज़ न किया जावे। टीबी के मरीज़ को उपचार अवधि में 500 रूपये प्रतिमाह दिया जाता है। सीएमएचओ ने कहा कि निजी चिकित्सक टीबी के मरीज़ों के बैंक विवरण लेकर नि-क्षय पोर्टल पर दर्ज करें जिससे कि मरीज़ों को आर्थिक सहायता सीधे उनके खातों में हस्तांतरित की जा सके।
जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ. मनोज वर्मा ने बताया कि निजि चिकित्सालयों से स्यूटम कलेक्शन के लिए निःशुल्क व्यवस्था की गई है। निजी चिकित्सक नि-क्षय आई.डी. बनाने के लिए एस. टी. एल. एस. वर्कर की सेवाएं ले सकते हैं।